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करोड़ो लोग इनकी गायिकी के कायल है पर यह नूरजहां की गायिकी की दीवानी थीं. इनका मानना था कि नूरजहां की गायिकी में ऐसा नशा था जिसे सुनने के बाद दुनिया की खबर ही नहीं रहती थी. लता मंगेशकर की गायिकी की दीवानी तो पूरी दुनिया है पर उनको नूरजहां की आवाज सुनकर राहत मिला करती थी. लता मंगेशकर का जन्म 28 सितंबर, 1929 को मध्यप्रदेश में इंदौर शहर के एक मध्यम वर्गीय मराठी परिवार में हुआ और आज 28 सितंबर, 2013 है. आज के दिन लता जी 84 वर्ष की हो चुकी हैं इसलिए इसी सिलसिले में हम उनसे जुड़ी खास बातों का जिक्र करेंगे.
साल 1942 में तेरह वर्ष की छोटी उम्र में ही लता मंगेशकर के सिर से पिता का साया उठ गया था इसलिए परिवार की सम्पूर्ण जिम्मेदारियां उनके ऊपर आ गईं.
लता मंगेशकर को फिल्मों में अभिनय करना जरा भी पसंद नहीं था. बावजूद इसके परिवार की आर्थिक जिम्मेदारी को उठाते हुए उन्होंने फिल्मों में अभिनय करना शुरू कर दिया.
लता एक अभिनेत्री के रूप में हिन्दी व मराठी फिल्मों में काम कर चुकी हैं. हिन्दी फिल्मों में लता ‘बड़ी मां’, ‘जीवन यात्रा’, सुभद्रा, छत्रपति शिवाजी जैसी फिल्मों में आ चुकी हैं.
लता मंगेशकर को आज भी सोचकर हंसी आती है जब वो बचपन में एक दिन घर से भाग गई थीं और उनके पिता ने उन्हें जिंदगी का पाठ सीखने के लिए जाने दिया था.
लता मंगेशकर को फोटोग्राफी का बेहद शौक है. विदेशों में उनकी फोटोग्राफी की प्रदर्शनी भी लग चुकी है.
हिन्दी सिनेमा का सुपरहिट गीत ‘आएगा आने वाला’ के लिए लता ने 22 रिटेक दिए थे.
लता को स्टेज पर गाते हुए पहली बार 25 रुपए मिले थे. जिसे वे अपनी पहली कमाई मानती हैं. अभिनेत्री के रूप में उन्हें पहली बार 300 रुपए मिले थे.
आज भी लता ने अपने पिता द्वारा दिया गया तम्बूरा संभालकर रखा है.
लता के पसंदीदा गायक-गायिका कुंदनलाल सहगल और नूरजहां हैं.
गुरुदत्त, सत्यजित रे, यश चोपड़ा और बिमल रॉय की फिल्में उन्हें पसंद हैं.
लता ने अपना पहला फिल्मी गीत मराठी फिल्म ‘किती हंसाल’ को साल 1942 में गाया था लेकिन किसी कारणवश इस गीत को फिल्म में शामिल नहीं किया गया था.
60 के दशक में लता ने अपनी फिल्मों में गाना गाने के लिए रॉयल्टी लेना शुरू कर दिया था और उन्हें लगता था कि सभी गायकों को रॉयल्टी मिलनी चाहिए. इसी सिलसिले को लेकर लता का मोहम्मद रफी से झगड़ा भी हुआ था.
लता ने लक्ष्मीकांत प्यारेलाल के लिए 686, शंकर जयकिशन के लिए 453, आरडी बर्मन के लिए 343 और कल्याणजी आनंदजी के लिए 303 गीत गाए हैं.
हिन्दी फिल्म ‘आपकी सेवा में’ में साल 1947 में लता ने पहली बार गाया था. गीत के बोल कुछ इस तरह थे ‘पा लागूं कर जोरी रे’.
फिल्म पड़ोसन लता की पसंदीदा फिल्म है.
लता को भारतीय इतिहास और संस्कृति में कृष्ण, मीरा, विवेकानंद और अरबिंदों बेहद पसंद हैं.
लता उस्ताद अमान खां भिंडी बाजार वाले और पंडित नरेन्द्र शर्मा को संगीत में अपना गुरु मानती हैं और उनके आध्यात्मिक गुरु श्रीकृष्ण शर्मा थे.
आज भी लता कागज पर कुछ भी लिखने से पहले ‘श्रीकृष्ण’ लिखती हैं.
लता मंगेशकर के लिए गाना पूजा के समान है इसलिए रिकॉर्डिंग के समय वो हमेशा नंगे पैर ही गाती हैं.
लता आज भी अपनी सबसे बड़ी कमजोरी दूसरों पर जल्द ही विश्वास कर लेने को मानती हैं.
लता जी ने 1962 में चीन के साथ हुई लड़ाई के बाद एक कार्यक्रम में पंडित प्रदीप का लिखा गीत ‘ऐ मेरे वतन के लोगों’ गाया तो पंडित जवाहरलाल नेहरू की आंखों से आंसू झलक गए. सालों बाद भी लता की आवाज में वो जादू है जिसे सुन आज भी श्रोताओं की आंखें आसुओं से भर जाती हैं.
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