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राजकुमार का एक इंकार अमिताभ बच्चन की जिंदगी में शोहरत का तोहफा लेकर आया. यदि उस समय राजकुमार ने इंकार ना किया होता तो आज अमिताभ बच्चन बॉलीवुड के सुपरस्टार ना होते. अमिताभ बच्चन के फिल्मी कॅरियर की सबसे बड़ी फिल्में ‘शोले’ और ‘जंजीर’ मानी जाती हैं पर क्या आप बिना उनके इन फिल्मों की कल्पना भी कर सकते हैं. सोचिए जरा यदि फिल्म शोले और जंजीर में अमिताभ बच्चन नहीं होते तो उनके बदले कौन होता ? पर यह सोचने से पहले आपको यह बता देना जरूरी है कि इन दोनों फिल्मों में अमिताभ बच्चन को लेना सिर्फ निर्देशक की मजबूरी थी.
फिल्म शोले का नाम लेते ही कुछ ऐसे चेहरे सामने आते हैं जिन्हें कभी भी भुला पाना संभव नहीं है. अमिताभ बच्चन, धर्मेंद्र औरअमजद खान ऐसे अभिनेता रहे जिनके अभिनय से फिल्म शोले सिनेमा जगत में इतिहास रच पाई है पर यह स्टार निर्देशक रमेश सिप्पी की पहली पसंद नहीं थे. फिल्म शोले में ‘जय’ के किरदार को निभाने के लिए निर्देशक रमेश सिप्पी की पहली पसंद शत्रुघ्न सिन्हा थे. शत्रुघ्न सिन्हा ने फिल्म शोले में जय के रोल को निभाने से मना कर दिया तब जाकर यह रोल अमिताभ बच्चन को मिला.
अमिताभ बच्चन के फिल्मी कॅरियर की सबसे सुपरहिट फिल्म ‘जंजीर’ मानी जाती है पर आपको यह जानकर हैरानी होगी कि निर्देशक प्रकाश मेहरा के लिए अमिताभ बच्चन पहली नहीं बल्कि पांचवी पसंद थे. अमिताभ ने जंजीर फिल्म में इंस्पेक्टर विजय श्रीवास्तव नाम का किरदार निभाया था जिसे राजकुमार को निभाना था पर उन्होंने किसी कारणवश फिल्म जंजीर को ठुकरा दिया. देव आंनद, धर्मेंद्र और राजेश खन्ना ने भी जंजीर फिल्म को साइन करने से मना कर दिया उसके बाद अमिताभ बच्चन को इस फिल्म के लिए साइन किया गया.
अमिताभ बच्चन की फिल्मी दुनिया का सफर बस इतना ही नहीं है. अमिताभ बच्चन की पहली सुपरहिट फिल्म ‘जंजीर’ बनी और यही से वो ‘एंग्री यंगमैन’ की भूमिका में स्थापित हुए. इसी फिल्म में अमिताभ ने विजय नाम का किरदार निभाया था जो कि बाद में 18 फिल्मों तक उनके साथ रहा. अर्थात 18 अन्य फिल्मों में अमिताभ ने ‘विजय’ नाम का किरदार निभाया.
‘विजय’ नाम के साथ-साथ अमिताभ बच्चन को ‘अमित’ नाम के साथ भी एक लगाव था जिस कारण उन्होंने अपनी दस फिल्मों में अमित नाम का किरदार निभाया. अमिताभ बच्चन ने लगभग 12 फिल्मों में डबल रोल किया जबकि एक फिल्म निर्देशक एस. रामानाथन की ‘महान’ में उन्होंने ट्रिपल रोल निभाया.
एक पुरानी कहावत है कि मंजिल तक पहुचने के लिए जिंदगी में संघर्ष करना पड़ता है. इसी कहावत को अमिताभ बच्चन ने अपनी जिंदगी में आजमाया. फिल्म ‘कुली’ की शूटिंग के दौरान फिल्म में खलनायक की भूमिका निभा रहे पुनीत इस्सर के हाथों घूंसा खाकर घायल होने के बाद अमिताभ बच्चन बेहद गंभीर स्थिति में मुंबई के ब्रीच कैंडी अस्पताल में भर्ती कराए गए थे. वो एक ऐसा समय था जब अमिताभ बच्चन जिंदगी और मौत से लड़ रहे थे. उन दिनों रोजाना ब्रीच कैंडी अस्पताल से सिद्धि विनायक मंदिर तक जया बच्चन पैदल जाया करती थीं जब कि दोनों स्थानों के बीच की दूरी लगभग छह किलोमीटर है.
आज 11 अक्टूबर, 2013 को वो 71 वर्ष के हो गए हैं. अमिताभ बच्चन को हिन्दी सिनेमा ने ही ‘बॉलीवुड सुपरस्टार अमिताभ बच्चन’ बनाया इसलिए ऐसे में उनसे जुड़ी खास फिल्मी दुनिया की बातों को याद किया गया.
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