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फिल्में समाज का आइना होती हैं, समाज का हर सच वह अपने अंदाज में दर्शकों के सामने परोसती हैं……. यह बात तो हम कई बार सुन चुके हैं. कल्पनिक फिल्में वास्तविकता में किसी के जीवन को प्रभावित भी करती हैं, यह बात भी हम कई बार देख और सुन चुके हैं.लोग फिल्मों से प्रभावित होकर अपनी गर्लफ्रेंड को प्रपोज करते हैं, शादी रचाते हैं, हत्या करते हैं वगैरह-वगैरह लेकिन हालिया घटना इन सबसे थोड़ी अलग या कहें बहुत अलग है जिसमें फिल्म की कहानी से प्रभावित होकर लोग अपने साथ-साथ अपने स्थान को भी चर्चा का विषय बना रहे हैं ताकि उनपर किसी का ध्यान आकर्षित हो सके.
अभी कुछ दिनों पहले जोकर नाम की एक फिल्म आई थी जिसमें अक्षय कुमार (Akshay Kumar) और सोनाक्षी सिन्हा (Sonakshi Sinha) जैसे बड़े स्टार्स ने काम किया था. एलियन जैसे मुद्दे पर बनी यह फिल्म बॉक्स ऑफिस में ज्यादा धमाल तो नहीं मचा पाई एक फिल्म आई थी लेकिन किसे पता था यह फिल्म किसी को इतना ज्यादा प्रभावित कर देगी कि इसकी तर्ज पर एक रियल लाइफ फिल्म ही बन जाएगी.
जोकर (Joker) की कहानी आपको याद हो तो यह एक ऐसे गांव की दास्तान थी जिसका भारत के नक्शे में नामोनिशान तक नहीं था जिसकी वजह से ना तो सरकारी नुमाइंदे और ना ही प्रशासन इसकी तरफ ध्यान देता था. जिसके परिणामस्वरूप वहां के लोगों को बुनियादी सुविधाएं जैसे बिजली, पानी भी उपलब्ध नहीं हो पा रही थी. लेकिन गांव के लोगों को एक दिन ऐसी तरकीब हाथ लगती है जिससे वह गांव ना सिर्फ अपेक्षित सुविधाएं हासिल कर लेता है बल्कि मीडिया और प्रशासन का ध्यान अपनी तरफ केन्द्रित करवाने में ही सफल हो जाता है और वो तरकीब है एलियन का उस गांव में उतरना.
ये कहानी तो आपने सुन ली अब बात करते हैं उस हकीकत की जो रियल लाइफ में घटित हो रही है. बस किरदार और विषयवस्तु में थोड़ा बदलाव हुआ है बाकी की सारी कहानी लगभग-लगभग वही है. उन्नाव स्थित एक किले में गड़े खजाने की चर्चा आजकल जोरों पर है. चर्चा क्या प्रशासन ने तो उस किले की खुदाई तक शुरू करवा दी है और सबसे बड़ी हैरानी की बात तो यह है कि यह खुदाई एक बाबा के सपने को आधार बनाकर की जा रही है. उल्लेखनीय तथ्य है कि कथित तौर पर एक बाबा के सपने में आया कि उन्नाव जिला (उत्तर प्रदेश) के एक गांव डौंडिया खेड़ा (Daundaia khera) में स्थित किला (Unnao Gold Hunt), जो 1857 की क्रांति का गवाह रहा है, में खजाना गड़ा है. बस फिर क्या था मीडिया को मिल गया अपनी टीआरपी बढ़ाने का जरिया और खाली बैठे पुरातत्व वैज्ञानिकों को मिला थोड़ा काम. अपने-अपने माइक लेकर मीडिया के लोग पहुंच गए उन्नाव, जहां का नाम भी शायद टी.वी पर आपने कभी नहीं सुना होगा. उत्तर प्रदेश का एक ऐसा जिला जिसका नाम तक लोग भूल चुके थे अचानक से लाइम लाइट में आ गया और वो भी इतना ही अब सभी के मुंह पर उन्नाव और खजाने (Unnao Gold Hunt) का नाम है.
भारत के स्वतंत्रता संग्राम में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभा चुका उन्नाव (Unnao) उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) का एक छोटा सा जिला है, लेकिन अब वह अपनी मौलिक पहचान तक के लिए तरस रहा है. गड़े हुए खजाने की बात जैसे ही सामने आई मीडिया के कान खड़े हो गए और वह चल पड़ा उन्नाव (Unnao Gold Hunt) के किले की खुदाई देखने और जनता को दिखाने.
यहां आमिर खान (Aamir khan) निर्देशित फिल्म पीपली लाइव का जिक्र करना भी बहुत जरूरी है क्योंकि वह फिल्म भी पीत पत्रकारिता और सरकारी योजनाओं पर कटाक्ष करती फिल्म थी. भारत के गांवों में व्याप्त गरीबी और किसानों की बुरी हालत को फिल्म में थोड़े हल्के लेकिन तेज तर्रार अंदाज में पेश किया गया था. अब उन्नाव के इस खजाने (Unnao Gold Hunt) की दास्तां पीपली लाइव की अगली कड़ी के रूप में जरूर याद किया जाएगा.
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